अस्वीकरण यहाँ लिखी गई बात भूतकाल की घटना को ध्यान में रख कर संभावना व्यक्त की गयी ये सच भी हो सकती है और नही भी
2024 के चुनाव से 3 महिना पहले ये लोग सोशियल मीडिया पर, प्रिंट मीडिया पर और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया पर ऐसा माहौल बनायेंगे की " राम लला हम आये है मंदिर वही बनाया है " इस देश मे अगर रहना है जय श्री राम कहना है और तुम समझ ही नही पाओगे कि क्या हो रहा है चारो ओर राम राम और राम नाम का जप होगा बड़े बड़े पत्रकार भगवा वस्त्र धारण करके रिपोटिंग करेंगे बड़े बड़े मंत्री मंदिरों में जा कर राम मंदिर के कार्यक्रम मे आने के लिए बोलेंगे फिर ये जीत जायेंगे फिर शुरू होगा असली खेल और ये खेल मात्र देख सकोगे कुछ करना नही है क्योकि जो कुछ करना था वो तुम चुनाव के समय कर चुके
कश्मीर की मस्जिद से हिंदू भाईचारा वाली बाते लाउडस्पीकर से बोली जा सकती है ( अब तुम कहोगे ये तो 2014 से पहले की बात है, तो जवाब है तब भी केंद्र मे भारतीय जमाती पक्ष के सहयोग से ही केंद्र सरकार थी) हिंदू को अपनी माँ बहन बेटी को छोड़ के कुछ दिनों के लिए भारत भ्रमण करने को बोला जा सकता हैं
कश्मीर मे आधार कार्ड देख कर बंधुक की गोली हाथ में देकर बोल सकते हैं की ये गोली प्रातः काल 1 और सायंकाल 1 ले लेना
जैसे मालाबार के मोपला मे हिंदू ओ को भाईचारा सिखाते हुएहिंदू ओ को लगे से जो लगाया वेसे ही गले से लगा सकते है ( अब आप कहोगे तब तो गांधी था. इस का जवाब हमारा महा मानव गांधी से कम है के)
अजमेर सोफिया गर्ल कॉलेज की तरह हिंदू बच्चियों को फोटो दिखा कर उसको पढाय करवा सकते हैं
उदयपुर के कनैया लाल की तरह गले की मालिश भी करवा सकते हैं
दिल्ली दंगे की तरह कई हिंदू को चैन की नींद सुला सकते हैं
पाकिस्तान और बांग्लादेश से आने वाले हिंदू ओ को 500 वर्ष जितने कम समय मे भारत की नागरिका दिला सकते हैं
ये लोग बहु संख्यक आयोग बनाकर टेबल पर रख सकते हैं